jai dandanagraja

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Sunday, May 1, 2011

कहतेहैं!!!!
जीवनसंघर्षकादूसरानामहै।बडीउपलब्धियांवहीहासिलकरताहै
जोनिरंतरसंघर्षकेलिएतैयारहोताहै।प्रतिभातोहरशख्समेंहोतीहै, लेकिनसभी
बडीउपलब्धियांहासिलनहींकरपाते।इन्हेंहासिलवहीकरतेहैं
जोविपरीतस्थितियोंसे घबराए बगैरयह ठानलेतेहैं
किउन्हेंयहकामकरनाही
हैऔरइसमेंपूरीतरहसफलहोनाहै।हालांकिइसकेपहलेयहतयकरलेनाजरूरीहोताहैकि
आपकोकरनाक्याहै? किसदिशामेंजानाहै? फिरउसमंजितकपहुंचनेमेंचाहकितनीभीअडचनेंऔरपरेशानियांक्योंआएं, उन्हें
हंसते-हंसतेझेलनेकेलिएतैयाररहें।यहकहनाभी
गलतनहींहोगाकिकिसीभीक्षेत्रमेंकिसीव्यक्तिकीसफलताअकेलेउसकेहीप्रयासोंकापरिणामनहींहोता।
हरसफलव्यक्तिकेपीछेकईलोगहोतेहैं।वेमाता-पिताहोसकतेहैं, भाई-बहन
होसकतेहैं, पतियापत्नी, बच्चे, मित्र
औरयहांतककिअपरिचितलोगभीहोसकतेहैं।कभीयहसहयोगआर्थिकहोताहै, तोकभीभावनात्मकऔरकभीबौद्धिकभी।विपरीतपरिस्थितियों
मेंआपसिर्फकिसीकाहौसलाबनाएरखें
तोयहभीकोईमामूलीसहयोगनहींहोगा।